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तकदीर बदली ऐसी मेरी तुम्हारे दर पर आकर, दुख हुए है

तकदीर बदली ऐसी मेरी तुम्हारे दर पर आकर,
दुख हुए है दूर ज़िंदगी से तुम्हारे करीब आकर ।

तकलीफ हुई थी मगर सुकून मिला तुम्हें पाकर ,
मुस्कुराहट चेहरों पर खिली है सबके तुम्हें पाकर ।

रोशन ए जहां महक उठा है सजदे में तुम्हारे झुककर,
अब सांसे भी इबादत करते हुए थमेगी तुमसे मिलकर ।

मत पूछो क्या आलम होगा जब तुमसे सामना होगा,
मुक्त हो जाएगी ये रूह अपने मालिक से मिलकर !!

 #मेरेमालिक
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 

Collab with your soulful words.✨ 

• Must use hashtag: #aestheticthoughts 

• Please maintain the aesthetics.
तकदीर बदली ऐसी मेरी तुम्हारे दर पर आकर,
दुख हुए है दूर ज़िंदगी से तुम्हारे करीब आकर ।

तकलीफ हुई थी मगर सुकून मिला तुम्हें पाकर ,
मुस्कुराहट चेहरों पर खिली है सबके तुम्हें पाकर ।

रोशन ए जहां महक उठा है सजदे में तुम्हारे झुककर,
अब सांसे भी इबादत करते हुए थमेगी तुमसे मिलकर ।

मत पूछो क्या आलम होगा जब तुमसे सामना होगा,
मुक्त हो जाएगी ये रूह अपने मालिक से मिलकर !!

 #मेरेमालिक
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