बहुत कुछ सीखाता है हमें "इश्क़" कभी रुलाता है तो कभी हँसाता है इश्क़ जो गर मुकम्मल हो जाए तो अनमोल जन्नत का दर्श कराता है इश्क़ अगर जो रह गया "अधूरा" ज़िंदगी सुनी, सूने रात और दिन आबाद करता है बर्बाद भी करता मिलाता ख़ुदा से, जुदा भी करता ♥️ Challenge-520 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।