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पूर्णविराम- तुम उपविराम बन आ जाती हो जब भी मेरी प

पूर्णविराम-

तुम उपविराम बन आ जाती हो जब भी मेरी पोथी में,
मैं तुमसे मिलने आता हूँ बन योजक चिन्ह प्रतीक प्रिये,
तुम प्रश्न बोध करवाती तब, लगता मैं विष्मय बोधक सा,
तुम निर्देशक चिन्हित होती, मैं हो जाता विस्तार प्रिये,
तुम अल्प विराम बनी फिरती, मैं होता अर्ध विराम पुनः,
तुम कोष्टक चिन्हित होती हो,मैं विवरण सा विस्तार प्रिये,
तुम कर्ता-कारक लगती हो,मैं क्रिया विशेषण बना फिरूँ,
तुम संज्ञा होती अगर कहीं, मैं सर्वनाम का नाम प्रिये,
तुम आती गर योजक बन कर,मैं उपविराम बन लग जाता,
दोनों मिलकर उद्धरण बने फिर विवरण चिन्ह बना जाता,
तुम संधि शब्द बन आ जाती,मैं होता उसके भेद प्रिये,
तुम होती गर विच्छेदन तब, मैं बन जाता आकार प्रिये,
तुम अनेकार्थी बन आती, मैं एकार्थक में खुश रहता,
तुम पर्यावाची दिखती जब, बन जाता वहीँ समास प्रिये,
तुम रस बनकर के आ जाओ, मैं ले लूं एक श्रृंगार प्रिये,
तुम हिंदी में छप जाओगी,जब है शब्दों में प्यार प्रिये, 
मैं चाहूँ इन्ही विरामों को, ये जीवन का आधार दिखें,
आओ मेरे तुम जीवन में बन कर के पूर्ण विराम प्रिये,
मैं हिंदी को लिखता बैठूँ, तुम बन जाओ आराम प्रिये,
बन जाओ पूर्ण विराम प्रिये,बन जाओ पूर्ण विराम प्रिये।। #DPF #poem #word #poornaViram #poet #kavishala #hindinama #kavita #nojoto #words
पूर्णविराम-

तुम उपविराम बन आ जाती हो जब भी मेरी पोथी में,
मैं तुमसे मिलने आता हूँ बन योजक चिन्ह प्रतीक प्रिये,
तुम प्रश्न बोध करवाती तब, लगता मैं विष्मय बोधक सा,
तुम निर्देशक चिन्हित होती, मैं हो जाता विस्तार प्रिये,
तुम अल्प विराम बनी फिरती, मैं होता अर्ध विराम पुनः,
तुम कोष्टक चिन्हित होती हो,मैं विवरण सा विस्तार प्रिये,
तुम कर्ता-कारक लगती हो,मैं क्रिया विशेषण बना फिरूँ,
तुम संज्ञा होती अगर कहीं, मैं सर्वनाम का नाम प्रिये,
तुम आती गर योजक बन कर,मैं उपविराम बन लग जाता,
दोनों मिलकर उद्धरण बने फिर विवरण चिन्ह बना जाता,
तुम संधि शब्द बन आ जाती,मैं होता उसके भेद प्रिये,
तुम होती गर विच्छेदन तब, मैं बन जाता आकार प्रिये,
तुम अनेकार्थी बन आती, मैं एकार्थक में खुश रहता,
तुम पर्यावाची दिखती जब, बन जाता वहीँ समास प्रिये,
तुम रस बनकर के आ जाओ, मैं ले लूं एक श्रृंगार प्रिये,
तुम हिंदी में छप जाओगी,जब है शब्दों में प्यार प्रिये, 
मैं चाहूँ इन्ही विरामों को, ये जीवन का आधार दिखें,
आओ मेरे तुम जीवन में बन कर के पूर्ण विराम प्रिये,
मैं हिंदी को लिखता बैठूँ, तुम बन जाओ आराम प्रिये,
बन जाओ पूर्ण विराम प्रिये,बन जाओ पूर्ण विराम प्रिये।। #DPF #poem #word #poornaViram #poet #kavishala #hindinama #kavita #nojoto #words
ankitpandey9849

Ankit pandey

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