यहा हम आँख बन्द करके खमोसी की गोली खाये बैठे है। वहा अपराध किसी कि दुनिया खाये बैठे है। यहा न्याय कि गुहा लगाये बैठे है । वहा कानून तारिक की रोटी खाये बैठे है । यहा हम दर्द को समाये बैठे है । वो बस हमे तारिख पर तारिख दिलाये बैंठे है । आपराध🙊🙈🙉 आपराध## न्याय ## दर्द