रात को कह दो , की जरा धीरे से गुजरे ; काफी मिन्नतों के बाद , आज दर्द सो रहा है। #काफी_दिनों_के_बाद #सुकुन_ए_जिंदगी #मिल_रही_थी_वो_भी_किसी_को_रास _ना_आई। #bhavi #punjabikudi