पेड़ों को काट कर न कर आशियाने की ख्वाहिश.. परिंदो से पूछो उनकी अहमियत क्या है? जिस बाग़ के फूल तोड़ कर तुम महक उठते हो.. वहां तितलियों से पूछो उनकी खुशबू क्या है? किसी भिखारी के आते ही अपनी गाड़ी का शीशा उठा देने वाले.. उस गरीब से पूछना की परिवार को भूखा देखने की जिल्लत क्या है!! औरत के पहरावे पे ऊँगली करने वाले... तुम अपनी नज़रों में बताओ ये आबरू क्या है? गैरों के दुःख देख के कुछ फर्क नहीं पड़ता.. खुद के हालात बताते हैं कि दर्द क्या है!! साँसे दूं या दे दूं अपनी जान निकालकर.. तू ही बता तेरी रज़ा क्या है ? मेरी वफ़ा पर ना करना संदेह तुम ज़रा.. गर तुम नहीं जानते ये वफ़ा क्या है !! इसे "अल्फाज़-ऐ-मन" कहूं या "मनीश-ऐ-अल्फाज़" नाम दूं... मुझे पड़ने वाले तुम ही बताओ तुम्हारा एहसास क्या है? ©Manish Sharma #Alfaaz_e_mani #Tum_hi_batao #alone