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पर इन सबके बीच मेरी एक शिकायत है तुमसे!...

 पर इन सबके बीच मेरी एक शिकायत है तुमसे!...
      हम सबको अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया तुमने, पर सबका होते होते ये जो तुम खुद को भूली हो न..! यह मुझे अच्छा नहीं लगता।
 बनाओ ना.. अपने लिए एक और नई दुनिया।....

           
           Happy
                     Mother's day
                                              Maa..!                   

     प्यारी मां,
 यूं तो हर दिन ही तुम्हें शुक्रिया अदा करने का है...लेकिन आज का दिन शुक्रिया कहने का ख़ास मौका दे देता है…किस बात का शुक्रिया कहूँ तुम्हें..... मेरी जिंदगी में सब कुछ तुम्ही से तो है। ज़िंदगी भी तुम्ही से है और तुम ही मेरा जीवन हो।
 जब भी पल में ठहर के तुम्हें सोचने की कोशिश करती हूं तो पाती हूं कि तुम तो जीवन का वह केंद्र हो जिसके इर्द गिर्द सारी जिंदगी बुनी हुई है। तुम्हारी आवाज़ से दिन-रात पता चलते हैं और तुम्हारी रफ़्तार से ही दिन की रफ़्तार पता चलती है। कितना कुछ करती हो तुम मेरे लिए और हमारे लिए..! पर इन सबके बीच मेरी एक शिकायत है तुमसे!...
      हम सबको अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया तुमने, पर सबका होते होते ये जो तुम खुद को भूली हो न..! यह मुझे अच्छा नहीं लगता।
 बनाओ ना.. अपने लिए एक और नई दुनिया।
 मैं तुम्हें पहले जैसा रहने के लिए बिल्कुल नहीं कहूंगी। मैं तो कहूंगी कि बदल जाना।  
                            बदल जाना सिर्फ दूसरों के बारे में
 सोचते रहने की आदत से थोड़ा अपने बारे में सोचने की तरफ।.... कि जब तुम साड़ी सुनो तो वही,जो तुम्हें पसंद हो। कि जब रसोई में जाओ तो अपनी पसंद का भी कुछ बनाओ, सिर्फ हमारे लिए नहीं। कि जब तोहफों की बारी आए तो अपने लिए भी कुछ लेना.... और हमारी कोई बात अच्छी ना लगे तो जरूर रुठ जाना।
 पर इन सबके बीच मेरी एक शिकायत है तुमसे!...
      हम सबको अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया तुमने, पर सबका होते होते ये जो तुम खुद को भूली हो न..! यह मुझे अच्छा नहीं लगता।
 बनाओ ना.. अपने लिए एक और नई दुनिया।....

           
           Happy
                     Mother's day
                                              Maa..!                   

     प्यारी मां,
 यूं तो हर दिन ही तुम्हें शुक्रिया अदा करने का है...लेकिन आज का दिन शुक्रिया कहने का ख़ास मौका दे देता है…किस बात का शुक्रिया कहूँ तुम्हें..... मेरी जिंदगी में सब कुछ तुम्ही से तो है। ज़िंदगी भी तुम्ही से है और तुम ही मेरा जीवन हो।
 जब भी पल में ठहर के तुम्हें सोचने की कोशिश करती हूं तो पाती हूं कि तुम तो जीवन का वह केंद्र हो जिसके इर्द गिर्द सारी जिंदगी बुनी हुई है। तुम्हारी आवाज़ से दिन-रात पता चलते हैं और तुम्हारी रफ़्तार से ही दिन की रफ़्तार पता चलती है। कितना कुछ करती हो तुम मेरे लिए और हमारे लिए..! पर इन सबके बीच मेरी एक शिकायत है तुमसे!...
      हम सबको अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया तुमने, पर सबका होते होते ये जो तुम खुद को भूली हो न..! यह मुझे अच्छा नहीं लगता।
 बनाओ ना.. अपने लिए एक और नई दुनिया।
 मैं तुम्हें पहले जैसा रहने के लिए बिल्कुल नहीं कहूंगी। मैं तो कहूंगी कि बदल जाना।  
                            बदल जाना सिर्फ दूसरों के बारे में
 सोचते रहने की आदत से थोड़ा अपने बारे में सोचने की तरफ।.... कि जब तुम साड़ी सुनो तो वही,जो तुम्हें पसंद हो। कि जब रसोई में जाओ तो अपनी पसंद का भी कुछ बनाओ, सिर्फ हमारे लिए नहीं। कि जब तोहफों की बारी आए तो अपने लिए भी कुछ लेना.... और हमारी कोई बात अच्छी ना लगे तो जरूर रुठ जाना।