मैं खुद की हस्ती मिटाने चला हूं, ज़रा देखो मैं उसे भुलाने चला हूं, छोटा सा दरिया है मेरे इश्क का, दरिया समंदर में बहाने चला हूं, मैं मोहब्बत ही ना संभाल सका, तो फिर में क्या कमाने चला हूं, जब किसीका मरहम ना बन सका, तो अपनेही जख्म दिखाने चला हूं, तेरे बाद मेरी कोई मंजिल ही नहीं, दिलको जैसे आवारा बनाने चला हूं, #चलाहूँ #alkatandon #sunilkumarsharma #pratibhatiwari #saadmohammad #patiaggarawal