प्यार की कीमत से घरौंदा सजाया था हमने, कोई ख़ैरात नहीं माँगी थी कभी तुमसे हमने। उस की एक-एक ईंट तुमने नीलाम कर दी, बाज़ार में कौड़ियों के भाव बिखेर दिया तुमने। ज़िन्दगी माँगने आए थे, मौत सा बना दिया, जीते जी रूह को हमारी रौंद दिया यों तुमने। प्यार हमारा ही शायद प्यार नहीं,कुछ और था, सजा तो मिलनी थी, प्यार जो निभाया हमने। कितना अच्छा हो प्यार की कीमत ग़र प्यार हो, नीलामी के बजाये गले में हार डाला होता तुमने। #cinemagraph #प्यार #घरौंदा #बाज़ार #ख़ैरात #नीलामी #yqhindi #bestyqhindiquotes