आदमी बगल वाली गिफ्ट सेंटर की दुकान में चला गया और निधी मेरे सामने खड़ी हो गई और थोड़ा पास आकर बोली "तो फिर..... मैंने आंखें साइकिल के पैडल की तरफ करके हडबडाी में कहा "तो फिर क्या.... वो गिफ्ट सेंटर की दुकान की ओर देख कर मेरे और करीब अाकर फुससुसा कर बोली " मेरा दोस्त बनो गे ....... मैं जब तक कुछ बोलता तब तक वो आदमी गिफ्ट पैक करा कर बाहक आ गया अब मेरी हलत ऐसे थी जैसे पुलिस को देखकर चोर की होती है खैर उधर से आवाज आई "निधी बेटे ....गिफ्ट पैक होगया घर चले वो बोली "जी पापा और चली गई मैंने मन में बुदबुदाते हुये कहा "आच्छा है बला टली ...... इन सबके बीच मै ये भूल गया था कि मेरा रूम मेट भी मेरे साथ था जो सब कुछ देख रहा था कुछ देर तक वो हसा और फिर बोलो " सही है बे एक दम मस्त है मैं थोडा उससे गुस्से में बोला "मुझे क्या कैसी भी हो हम लखनऊ सिर्फ पढाई करने आये हैं और सिर्फ पढाई ही करे गे ये सब करने के लिए तो सारी उम्र पडी हैं अब वो थोडा चिडाते हुये बोला " दोनो साथ में पढ लेना निधी भी तो सेकेंड रैंकर हैं मेरा मतलब वो आग्रेजी में क्या कहते हैं...... मैं -ग्रुप स्टडी .वो -हा वही ग्रुप स्टडी मैं -अच्छा ....... वो -क्या? नही कुछ नहीं मैं -अब उसकी टॉग खीचते हुये" होस्टल चले या फिर यही ग्रुप स्टडी करे अब मैं मन ही मन सोचने लगा ये लड़की क्या सबसे दोस्ती कर लेती है तो फिर इसके दोस्त कितने होगे दोस्त सिर्फ लडकिया हो गी या फिर लडके भी...... खैर मुझे इससे क्या मगर न चाहते हुये भी मेरे मन में बस उसी का ख्याल आ रहा था ये बस कोइ झूठी हकीकत थी या फिर मैं भी निधी का दोस्त बनना चाहता था? thrird part #LOVECYCLE-3 #sayriwale #hindiwriting #lovestory