दरवाज़ा 'राह- ए- सफर में कुछ लोग यादगार मिल रहे हैं' 'किसी से अपना 'अंदाज' तो किसी से 'जज्बात' मिल रहे हैं' 'जितने भी 'खास-ए-यार' मिलें "शनि" दिखी उनमें खासियत लाजवाब' 'कुछ चढ़ने लगे सीढ़ी 'मंजिल' की' कुछ 'आसमां' छूने को बेकरार मिल रहे हैं। शनि शुक्ला (shiv) ©Shani Shukla #Shani #shaniwrites #shani_shukla #shanishukla #shanishuklashayari #WForWriters