बस मेरे नाम की ख़ातिर, न रुलाना खुदको, ग़र जो जाना हो तो जाना, न बताना मुझको..!! तेरी चूड़ी, तेरा झुमका, तेरी बिंदिया न हुआ, अब तो मेंहदी भी तू अपनी, न बनाना मुझको..!! कि तू तो रहता है मेरे, जिस्म में लहू बनकर, बे-लहू भी क्या है जीना, क्या बताना तुझको..!! मैंने सागर को किनारों पे, कभी आने न दिया, दिल की ज़िद है दे-दे रोने, का बहाना मुझको..!! तुझसे ही थी हर कहानी, हाँ मुकम्मल अपनी, बिन तेरे रख के क्या करना, ये फ़साना मुझको..!! अब सारे मंजर ए इश्क़ तेरे, हैं क़यामत के, जो ग़र हो साबुत कोई दिल, तो दिखाना मुझको..!! खुद से रूठूँगा मैं और, खुद को ही मनाऊँगा, अब चाहे तू रूठे, चाहे छोड़े, ये जमाना मुझको..!! ग़र हो साबुत कोई दिल तो दिखाना मुझको....😊 #udquotes #udghazals #रुलाना #इश्क़ #क़यामत #दिल