प्रेम पुजारी प्रेम पुजारी बन चुका हूं उसके हर ख्यालों में धीमी धीमी राह चली है उसके हर सवालों में मन मस्तिक में आ चुकी है नीद के खयालों में सपनों में वह आ रही है परियों की सवालों में प्रेम पुजारी बन चुका हूं उसके हर खयालों में। ।।पंकज।। कुछ मेरा अनुभव