हम तुमको मिले या न मिले कोई शिकन नहीं पेशानी पर असल में इस बेताबी को लेकर बस हम ही जिया करते है ये जो बेरुखी सी करते हो तुम बड़ी मुस्किल से ये जहर पिया करते हैं क्या पता कर ना पाए सलीके से वो इसलिए ये जख्म खुद ही सिया करते हैं 👉🏻 प्रतियोगिता- 621 विषय 👉🏻 🌹"बेताबी"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I 🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।