जॉन एलिया जिसे तमन्ना थी कमरे को आपके सजाने की रहा बिखरा "खून" दीवारों ओर कमरे में दिखा नही उसे गम-ए-आलम तुम्हारी तन्हाई में एक वादे को कर लिया कैद अपनी जान मे की "बाद उसके न बात कही गई न फिर सुनी गई" आलम ये देश और मोहब्बत से जुदाई सही नही दर्द आपका फिर किसी को दिखा नही। *हजरत जॉन एलिया* #हज़रत जॉन एलिया को कम पढ़ा पर जितना पढ़ा उस पर प्रयास , उनको समर्पित। उनको लिखना या कहने को अभी कम है। #johnElia #nojoto #nojotohindi #nojotoshayeri