मैन नन्नी नटखट तितली हु, रंगों से भरी फुलवारी हु। मैं खेल गुलो संग खेली हु, मैन मस्त रंगोकि रानी हु। हु मस्त चमन की में परि कमाल, उड़नेसे पहले क्यों क्यूँ हुई निढाल। में खुशियों के बगयनकी क्यारी हु, बिन खिले फिर क्यूँ में मुरजाई हु? रोशन ये जहा जब मुझसे है, क्यू यारी मेरी गुमनामी से हैं। जो जहा रोशन मेरी मुस्कान से हैं, क्यों दम घोटा उसने ही मेरा हैं। बेटी में मा की परछाई हु, बाबा की में सरमाई हु, तो क्यों मैं व्यर्थ हि कोक में जान गावाई हु। poem on save the girl child. #ShiningInDark #GirlChild #BETIPADHAOBETIBACHAO