अरे सुनो.... चलो इस होली कुछ नया कर दू तेरे गोरे गालों पर गुलाल मल दू बहुत हसरत थी तुझे रंग गुलाल लगाने की अब मिले हो मुद्दतों बाद तो क्या... तेरे शरमाते गुलाबी गालों को और गुलाब कर दू Dr.vishal singh वात्सल्य Gulal