बाद मेरे मुझ पर तुम ये एहसान ना करना। मेरा नाम ले ले कर उन्हें परेशान ना करना।। घर में लगा देना ताले, ये वसीयत है मेरी पर। मेहमान को कभी घर का निगेहबान न करना।। ----- फ़ैज़ अहमद #faizks #poetry