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घर से मै निकली, दही बेचन को राह मे मिल गए कन्हाई

घर से मै निकली, 
दही बेचन को 
राह मे मिल गए कन्हाई 
न कछु उनने कही
न कछु मै कह पाई।
घर पहुंच कर संग सखिन ने 
एक-एक की दुई-दुई लगाई।
मोहे कहत श्याम को मिल्हो
आप ही कान्हा संग रास रचाई।
आग लगे जा गांव के बसरवा मे 
जित पानी मे आग लगाई ।
arvind bhanwra दही बेचन को ।
घर से मै निकली, 
दही बेचन को 
राह मे मिल गए कन्हाई 
न कछु उनने कही
न कछु मै कह पाई।
घर पहुंच कर संग सखिन ने 
एक-एक की दुई-दुई लगाई।
मोहे कहत श्याम को मिल्हो
आप ही कान्हा संग रास रचाई।
आग लगे जा गांव के बसरवा मे 
जित पानी मे आग लगाई ।
arvind bhanwra दही बेचन को ।