घर से मै निकली, दही बेचन को राह मे मिल गए कन्हाई न कछु उनने कही न कछु मै कह पाई। घर पहुंच कर संग सखिन ने एक-एक की दुई-दुई लगाई। मोहे कहत श्याम को मिल्हो आप ही कान्हा संग रास रचाई। आग लगे जा गांव के बसरवा मे जित पानी मे आग लगाई । arvind bhanwra दही बेचन को ।