इश्क़ कैद में है, यह जैल बिखर जाएँ तो अच्छा है इश्क़ में सबकी तक़दीर, सँवर जाएँ तो अच्छा है सुकून दिल का है, 'इश्क़' ठहर जाएँ तो अच्छा है दर्द ही दर्द है, यूँ उधर नज़र ना जाएँ तो अच्छा है यूँ तो सागर बड़ा गहरा 'प्रेम' का यहाँ 'कृष्णा' है कुछ डूब गए है, तो कुछ निखर जाएँ तो अच्छा है साथ उसका कमाल का, मगर जाएँ तो अच्छा है यादों का क्या करूँ? उम्र गुजर जाएँ तो अच्छा है कवि सम्मेलन 3 पंचम ग़ज़ल #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkकविसम्मेलन #kkकविसम्मेलन3 #kk_krishna_prem