कली को गुलाब, शाम को शबाब लिखूं नदी को समंदर, कंकड़ को पहाड़ लिखूं बात जब मासूमियत लिखने की हो सूरत तेरी देखूं, लफ़्ज़ तमाम लिखूं जुल्फों को घटा काली, अधरों के जाम लिखूं चाल जैसे हिरानी, गालों को आम लिखूं तेरी तारीफ़ में कुदरत की उपमा कम है लफ़्ज़ लिखूं या सिर्फ तेरा नाम लिखूं सादगी को सलाम, हुस्न को कोहराम लिखूं बोलना जैसे संगीत, हंसी को चांदनीरात लिखूं तेरी शख्सियत को लिख दिया, अब ये बता खुदा लिखूं या फिर तेरा नाम लिखूं गर तुझपे लिखूं तो सारी रात लिखूं #deardeepakk_writes #story_telling_by_deardeepakk #loveshayari #प्यार #kavita