#aaarzu mausiiqii की तलाश थी ! तनहाई से ही खुश व खाश था ! फिर पलको से होकर कोई आ गया लामहो के मायनो से रूबरू होना शिखा गया ! #Aaarzu #इंसान के हिस्से मे हर #साजन के किससे मे लिहाज रखा हे #खुदा ने इंसान को #तरकीब से #तरासा हे नरमः , रेख़्ता शब्दकोश- "MAUSIIQII