कमाल है ना.... 'आंखे तालाब नहीं फिर भी भर आती है, दिल कांच नहीं फिर भी टूट जाता है, और इंसान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता है 😊 ©Sarfaraj idrishi #moveforward कमाल है ना.... 'आंखे तालाब नहीं फिर भी 99 भर आती है, दिल कांच नहीं फिर भी टूट जाता है, और इंसान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता हैDhanraj Gamare