ये दोस्ती बारिशों से कर लो की भीग भी जाओ तो जज्बात हल्के हो जाए और सुकून बड़ा ये मोहब्बत मैदानों की घास से कर लो जिसके आगे कोई मौसम नहीं ठहरा शायद जमीं से जुड़ाव यही हो ये राब्ता किसी के दर्द से कर लो की आंसू पड़ कर वो दर्द सख्त हो जाए और खुशी मोम... ये दोस्ती बारिशों से कर लो की भीग भी जाओ तो जज्बात हल्के हो जाए और सुकून बड़ा ये मोहब्बत मैदानों की घास से कर लो जिसके आगे कोई मौसम नहीं ठहरा शायद जमीं से जुड़ाव यही हो