*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“26/12/2021”*📚 🖋️ *“रविवार”*🌟 देखिए यदि इस “जीवन” में आप अपनी “भाषा को शुद्ध” रखोगे, तो यह आपके “चरित्र” को भी “शुद्ध” रखेगी, ये आपकी “एकाग्रता” को बढ़ा देती है, हर एक “शब्द की ध्वनि” का “रस” लेते हुए, यदि आप “शब्दों का उच्चारण” करोगे, “भाषाओं का उच्चारण” करोगे, तो आपको भी “आनंद” आएगा और “सुनने” वाले “व्यक्ति के कानों” में “मधु” सी बहती है, स्मरण रखिए जो “व्यक्ति”“भाषा” की “पवित्रता” का “सम्मान” करता है, “संसार” भी उसका “सम्मान” करता है, “भाषा को शुद्ध” और “पवित्र” रखिए, “भाषा” आपके “चरित्र को शुद्ध” और “पवित्र” भी अवश्य रखेगी, और ये “मन” सदैव “प्रसन्न” रहेगा... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“26/12/2021”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“भाषा को शुद्ध”*