#2014to2019 झूठ के ठेकेदारों को, अब झूठ से परहेज है, अपने ही बुने जाल में, मकड़ी खुद फस रही है। तब क्या तुम्हारी अक्ल घास चरने गई थी, जब झूठ का जाल फैला कर, जनता को मूर्ख बना कर, सत्ता में आना ही एकमात्र लक्ष्य था। जैसा बोओगे वैसा काटोगे, जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल होगा। #2014to2019 झूठ_के_ठेकेदारों को, अब झूठ से परहेज है, अपने ही बुने जाल में, मकड़ी खुद फस रही है। तब क्या तुम्हारी अक्ल घास चरने गई थी, जब झूठ का जाल फैला कर,