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है ये समुद्र भी एक इश्क, डूबता चला जा रहा हूं ,न त

है ये समुद्र भी एक इश्क,
डूबता चला जा रहा हूं ,न तैरना मुनासिफ है, बस बेहता चला जा रहा हूं।


तुम तो लहर हो जिसमे शोर भरा है,
एक उमंग है,
मैं तोह गेहराई हु शांत और स्थिर।

हा है माना ये दुरिया हम्मे,
तुम अधूरी मैं अधुरा
साथ होकार हम ये समुद्र है,

फिर भी तुम्हें तो किनारे का शोंक है,

में ठहरा गहराई ,
डूबता चला जा रहा हूं ,न तैरना मुनासिफ है ,
बस बेहता चला जा रहा हूं।

©Chahat Bobade
  "LEHER" by CHAHAT BOBADE.

"LEHER" by CHAHAT BOBADE. #Quotes

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