सवाल किस बात का ग़ुरूर है किस बात की लड़ाई,,, कब तक टिक सकी है किसी की भी शहंशाही। छोटे-बड़े सभी से मोहब्बत से पेश आओ,,, दो दिन की ज़िंदगी में ये तक़ब्बुर है क्यों मेरे भाई॥ ©Rizwan Ahamad Faizi किस #बात का #ग़ुरूर है किस बात की #लड़ाई,,, कब तक टिक सकी है किसी की भी #शहंशाही। छोटे-बड़े सभी से #मोहब्बत से पेश आओ,,, दो दिन की #ज़िंदगी में ये #तक़ब्बुर है क्यों मेरे #भाई॥ #Rizwan_Ahamad_Faizi #WForWriters रोहित तिवारी । اسلم انساری