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"ए मंजिल के, सफर के राही, जी ले अपनी ज़िन्दगी अपनी

"ए मंजिल के, सफर के राही,
जी ले अपनी ज़िन्दगी अपनी शर्तों पर, 
मिला हैँ यह जन्म तुझे तेरा,
कुछ कर गुजरने के लिए, 

रास्तों मे मिलेंगे तुझे कुछ लोग,
उन कंकड़ और चिकनी मिट्टी की तरह,
जो खेचेगे तुझे अपनी ओर,
तेरी मंजिल के रास्तों से,

लेकिन तेरा आत्मविश्वास ही लेगा,
तेरे मुकदर का फैसला,
तुझे जाना हैँ उस जगह,
जहाँ तुझे कोई ना देखता हो,
या उस जगह जहाँ,
तुझे देख सके हर कोई वहां"!!!!!!

(नितिन अग्रवाल ) समय का रुप !!!
"ए मंजिल के, सफर के राही,
जी ले अपनी ज़िन्दगी अपनी शर्तों पर, 
मिला हैँ यह जन्म तुझे तेरा,
कुछ कर गुजरने के लिए, 

रास्तों मे मिलेंगे तुझे कुछ लोग,
उन कंकड़ और चिकनी मिट्टी की तरह,
जो खेचेगे तुझे अपनी ओर,
तेरी मंजिल के रास्तों से,

लेकिन तेरा आत्मविश्वास ही लेगा,
तेरे मुकदर का फैसला,
तुझे जाना हैँ उस जगह,
जहाँ तुझे कोई ना देखता हो,
या उस जगह जहाँ,
तुझे देख सके हर कोई वहां"!!!!!!

(नितिन अग्रवाल ) समय का रुप !!!