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पैमाने टूटने की आवाज़ पैमाने टूटने की आवाज़ बहुत दू

पैमाने टूटने की आवाज़

पैमाने टूटने की आवाज़ बहुत दूर तक आई,
बांटा बहुत कुछ है ज़िंदगी में मैंने तन्हाइयों,
पर हाथ छूटने की आवाज़ बहुत दूर तक आई,

पैमाने टूटने की आवाज़ बहुत दूर तक आई,
ये गम ही था जिसकी तू छू न सकी परछाईयां,
पर तेरी हर चाह ने ही बनाई मुझमे गहराई,

पैमाने टूटने की आवाज़ बहुत दूर तक आई,
आज मुकद्दर से दूर का रिश्ता मेरा मुकम्मल,
पर इस मुकम्मल जहां का नाम है तन्हाई,
तनहा शायर हूँ-यश 












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©Tanha Shayar hu Yash
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