आज-कल मेरे दिल की दहलीज़ पर, वो रोज़ाना अब आया नहीं करता है......... कहता है मुझसे इन बेकार बातों में वो, अब अपना वक्त ज़ाया नहीं करता है......... इक दौर था जब वो मेरी हर बात पर, मुस्कुराया करता था खिलखिलाकर.......... अब तो कोई उसे लतीफ़ा भी सुना दे, तो वो ज़्यादा मुस्कुराया नहीं करता है......... ©Poet Maddy आज-कल मेरे दिल की दहलीज़ पर, वो रोज़ाना अब आया नहीं करता है......... #Threshold#Heart#Come#UselessThings#Waste#Time#Critical#Smile#Cheerfully#Joke...........