Shades Of Life खिलौने दिए जिन हाथो में उन्हीं से धक्का खाया है जवानी लूटा दी बच्चों पर मुसीबतों में अब बुढ़ापा आया है किसी समय हुआ करता था घर हमारा गुलिस्तान जहां वास करते थे मै मेरी बीबी मेरे बच्चे मेरी जान.. कुछ वक़्त होगी खुशी जाने से हमारे फिर रूठ जाएंगी रहमत ऐ इलाही और घर होगा विरान अच्छाई करने का सिला ये हमारे हिस्से आया है खिलौने दिए जिन हाथो में उन्हीं से धक्का खाया है जवानी लूटा दी बच्चों पर मुसीबतों में अब बुढ़ापा आया है वो मुसलसत सही है अपनी जगह चलो गम ऎ ज़िन्दगी जिये और करे गुज़र बसर तुम और मैं यही तकदीर का फ़रमान आया है ना समझ खुश हैं हमसे छुटकारा पाकर रूबरू होंगे इसी हक़ीक़त से आगे जाकर फिर जानेंगे वो मर्तबा वालिदैन गवाया है खिलौने दिए जिन हाथो में उन्हीं से धक्का खाया है जवानी लूटा दी बच्चों पर मुसीबतों में अब बुढ़ापा आया है खुश रहें वो चाहे हम जिस हाल में हों उनकी ख्वाहिश है वो रहें आसमान में हम चाहे पाताल में हों आंखे हंजू गम में भले ही हो बच्चों के लिए बस प्यार आया है खिलौने दिए जिन हाथो में उन्हीं से धक्का खाया है जवानी लूटा दी बच्चों पर मुसीबतों में अब बुढ़ापा आया है Parents and their selfish children