सारा दिन मैं खून में लथपथ रहता हूँ सारे दिन में सुख-सुख के काला पड़ जाता है खून पपड़ी-सी जम जाती है खुरच-खुरच के नाखूनों से चमड़ी छीलने लगती है नाक से खून की कच्ची बू और कपड़ों पर कुछ काले-काले चकत्ते-से रह जाते है »...» रोज़ सुबह अख़बार मेरे घर खून से लथपथ आता है..!!📰 🩸शायर Rk...✍️ . ©SHAYAR (RK) news paper