रोज आजमाते रहे "पीपल" तले बैठ किस्मत को लिए पुरानी आरज़ू एक वार मिले हम दिनकर को जिनके हाथों में थी बीर रस कविता लिखने की भार तभी तो लिख डाली क्या चाहिए 'कलम कि तलवार' ©Anushi Ka Pitara #दिनकर #Nature