सच्चे मित्र मिलना लकीरे किस्मत मे होती
वरना तो मुलाकात श्याम से कहाँ सुदामा की होती,,
निश्चित था जिसकी मौत का,महाभारत की धरती पर!
मित्र के खातिर मौत से लडता,करता अदा नमन का कर
जिसके होने से हो जाता ,यह सुस्त जीवन मधुवन,हर रिश्तो से पावन है,मित्रतेरा बँधन,