आज नदी में भीड है पुण्य कमाते लोग सुबह सुबह भगवान को लगा रहे हैं भोग तिल और गुड़ मिलकर बने लड्डू मीठे मीठे खाकर मन प्रमुदित हुआ डोर पतंग की खींचे कहने लगी पतंग जोर थोड़ा सा और लगाओ आसमान का सैर करूँ मुझको ऊपर पहुचाओ मीठी बातों से सभी रिस्ते हों मजबूत पकड़ प्रेम की डोर को कहीं न जाए टूट सभी पर्व हम सभी को देते इक संदेश एक सूत्र में हम बधें मिटे जगत से क्लेश मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं सुनील कुमार मौर्य ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #मकर_सक्रांति_की_बहुत_बहुत_शुभकामनायें