मै जंगल हूं वर्षा देता छाया देता हवा भी मुझसे लेते हो, फल देता हूं जल देता हू घर भी मुझसे लेते हो। मानव मुझसे,पशु है मुझसे,तुम जानते हो पृथ्वी मुझसे। प्रकृति मुझसे,नदिया मुझसे,सच कहूं ये जहां है मुझसे, पर पावक में रो रहा तुमआग मुझे क्यों देते हो। वर्षा देता छाया देता हवा भी मुझसे लेते हो.. 😭😭😭✍️pk Australia me aag