मैं हूँ तेरी झलक में चाँद तारों में फ़लक में मैं हूँ जननी जगत की ज़मीं सागर तलक में मैं राधा बन के नाचूं मैं मीरा बन के गाऊं मैं भटके इस जगत को सही रस्ता दिखाऊं मैं मन की आस भी हूँ तेरा विश्वास भी हूँ मैं ममता भी हूँ माँ की प्यार का वास भी हूँ मैं नित सिंगार भी हूँ प्रेम का सार भी हूँ मुझे देखोगे देह में तो फिर संहार भी हूँ -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal #Radha