ख्वाबों के नगर में चलो ले चलू तुम्हें मैं अकेलापन नहीं छुएगा तुम्हे ख्वाबों के नगर में मेरा दावा है इस शहर में प्यार ही प्यार बस्ता है मेरा हाथ थामलो एकबार मेरे इस प्यारे से शहर में तुम इस ख्वाबों के सफर में खुशियों की बारात है चलो ले चलूं तुम्हे मैं इस शहर के हर एक डगर में ख्वाबों के नगर में आंसूओं के लिए जगह नहीं यहां हर कोई अपनासा है बस प्यार ही प्यार हर पहर में मेरे इस शहर में यहां चांद जमीन पे रहता है - राकेश शिंदे और चांदनी बिखरी है हर सहर में प्यार की धुन है समाई सागर की हर एक लहर में rakeshkavita.kavita.blogspot.in ख्वाबों के नगर में #hindipoetry #hindipoem #hindikavita #nojotopune #nojotohindipoetry #RakeshShinde #urdupoetry