Nojoto: Largest Storytelling Platform

महत्वहीन है वो ज्ञान जो स्वयं तक ही सीमित हो जाये।

महत्वहीन है वो ज्ञान जो स्वयं तक ही सीमित हो जाये।।
ज्ञान का वास्तविक महत्व किताबों से बाहर निकलकर व्यवहारिक जीवन में उतरकर समाज के उत्थान से है।।
जो ज्ञान अपने अतिरिक्त कुछ और देख नही पाता वह एक दिन नष्ट हो ही जाता है।।
जबकि समाज के उत्थान हेतु उपयोग में लाया गया ज्ञान ही स्थायी होता है।।

_NARENDRA_SINGH सामाजिक उत्थान से है ज्ञान का वास्तविक महत्व।।
महत्वहीन है वो ज्ञान जो स्वयं तक ही सीमित हो जाये।।
ज्ञान का वास्तविक महत्व किताबों से बाहर निकलकर व्यवहारिक जीवन में उतरकर समाज के उत्थान से है।।
जो ज्ञान अपने अतिरिक्त कुछ और देख नही पाता वह एक दिन नष्ट हो ही जाता है।।
जबकि समाज के उत्थान हेतु उपयोग में लाया गया ज्ञान ही स्थायी होता है।।

_NARENDRA_SINGH सामाजिक उत्थान से है ज्ञान का वास्तविक महत्व।।