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भारत के किस वेद में मिलता है चिकित्सा सम्बन्धी ज्ञ

भारत के किस वेद में मिलता है चिकित्सा सम्बन्धी ज्ञान?   ऋग्वेद सबसे पहला वेद है जो पद्यात्मक है।
 इसके 10 मंडल (अध्याय) में 1028 सूक्त है जिसमें 11 हजार मंत्र हैं। 
इस वेद की 5 शाखाएं हैं - शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शांखायन, मंडूकायन।
 ऋग्वेद में जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन द्वारा चिकित्सा आदि की भी जानकारी मिलती है। ऋग्वेद के दसवें मंडल में औषधि सूक्त यानी दवाओं का जिक्र मिलता है। इसमें औषधियों की संख्या 125 के लगभग बताई गई है, जो कि 107 स्थानों पर पाई जाती है। औषधि में सोम का विशेष वर्णन है। 
जबकि अथर्वदेव वेद में रहस्यमयी विद्याओं, जड़ी बूटियों, चमत्कार और आयुर्वेद आदि का जिक्र है। इसके 20 अध्यायों में 5687 मंत्र है। Happy #DoctorsDay 👩‍⚕👨‍⚕
#Specialday #trend
भारत के किस वेद में मिलता है चिकित्सा सम्बन्धी ज्ञान?   ऋग्वेद सबसे पहला वेद है जो पद्यात्मक है।
 इसके 10 मंडल (अध्याय) में 1028 सूक्त है जिसमें 11 हजार मंत्र हैं। 
इस वेद की 5 शाखाएं हैं - शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शांखायन, मंडूकायन।
 ऋग्वेद में जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन द्वारा चिकित्सा आदि की भी जानकारी मिलती है। ऋग्वेद के दसवें मंडल में औषधि सूक्त यानी दवाओं का जिक्र मिलता है। इसमें औषधियों की संख्या 125 के लगभग बताई गई है, जो कि 107 स्थानों पर पाई जाती है। औषधि में सोम का विशेष वर्णन है। 
जबकि अथर्वदेव वेद में रहस्यमयी विद्याओं, जड़ी बूटियों, चमत्कार और आयुर्वेद आदि का जिक्र है। इसके 20 अध्यायों में 5687 मंत्र है। Happy #DoctorsDay 👩‍⚕👨‍⚕
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