हां याद है पापा आपकी सारी बातें.. वो गुस्से का दिन और प्यारी सी राते.. आप के किस्से हम सबको सुनाते.. हां अब हम इतना नखरा भी नहीं दिखाते.. और पता है पापा मम्मी के काम को हम आज भी भूल जाते.. आपकी याद में कभी-कभी आलू दम है बनाते.. पर पापा आप सबसे बेस्ट थे बनाते.. कितनी महज थी वो आपकी सारी बातें.. समझा मैं अब जब बीत गयी कई रातें.. प्यार का प्रसंग जो आप ना थे जताते.. खाने के टाइम में सबको साथ थे बुलाते.. लाख तकलीफो के बाद भी आप थे मुस्कुराते.. पर क्यों पापा आप खुद कुछ ना खा कर मुझे हर चीज थे खिलाते.. याद आते हैं कभी कभी आपके साथ वह बाइक के सपाटे.. हां याद है हमें आपकी सारी बातें.. वो गुस्से का दिन और प्यारी सी रातें.. Vivek_Bittu_Pathak little effort to share my feelings father love, family.