चीथड़े-लोथड़े, फटी वर्दियां, पर्खच्चे हुई गाड़ियां लहू से सनी जमीं रोता हिमालय बिलखती चेनाब और झेलम कराहती धरती, शोक में सवा सौ करोड़ लोग.. पापा कहना सीखने से पहले पापा का छिन जाना घर परिवार में पसरा मातम सिसकती बूढ़ी माँ मेहंदी वाले हाथों में टूटती चूड़ियों के ज़ख़्म... सच, ये धमाके के बाद कि ख़ामोशी हमारे कान फाड़ रही है.... #pulwama #OneYesrOfPulwama #shaheed #soldiers #poetry #patriotism