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White मैं डूब रहा हूं पर, मशाल जली हुई है। मेरे अ

White मैं डूब रहा हूं पर,
 मशाल जली हुई है।
मेरे अंदर जो आग थी,,
वो तीली पर लगी हुई है।।

कोई तो इस अग्नि को, 
अपने अंदर भी जलाओ।
 आग लगेगी लाखों को,,
तो उनको भी उकसावो।

जल ही जीवन है इसलिए,
 समाधि लगी हुई है।
मेरे अंदर जो आग थी,,
वो तीली पर लगी हुई है।।

समस्या हर जगह मौजूद है,
बस इसको जलाने वाला चाहिए।
एक तीली से मशाल जलते ही,
 मशालों का जुलूस रवाना चाहिए।।

अगर ये आग बुझी सीने से,
समझ लो कि जनता दबी हुई है।
मेरे अंदर जो आग थी,,
वो तीली पर लगी हुई है।।

©Satish Kumar Meena
  जल ही जीवन है

जल ही जीवन है #कविता

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