जीवन कामना से चलता है। मन में यदि कामना नहीं है, तो कर्म भी नहीं है। मन को कामना ही चलाती है। बल्कि मन को कामना ही पैदा करती है। कामना को मन का बीज कहा है- ‘कामस्तग्रे समवर्तताधि, मनसो रेत: प्रथमं यदासीत् ॥’ #सुप्रभातम साथियो #येरंगचाहतोंके साथ जीवन का आनंद लीजिये #पाठकपुराण के #पंछी बनकर मन को थोड़ा उड़ने दीजिये। इसे अपनी जरूरतों और मजबूरियों से मत मारिए। #21_दिन_का_लॉक_डाउन ही है जो आपके जीवन को इक्कीस कर पायेगा। #हनुमान_जन्मोत्सव_की_शुभकामनाएं आओ भक्त और भगवान,सेवक और स्वामी के सम्बन्धों को उनके परस्पर जुड़ाब को महसूस कीजिये। 🙏जय श्री राम🙏 : सृष्टि में कर्म है, गति है, किन्तु कामना ब्रह्म की है। क्षुधा ही कर्म की प्रेरणा है। क्षुधापूर्ति ही छाया है, तृष्णा है। माया के, शक्ति के अथवा पत्नी रूप स्त्