जहाँ ज़माना आँसू बहा रहा है वहीं कुछ लोग हँसी उड़ा रहे हैं कहीं पे सर से साया उठ गया है वहीं लोग घर पे जश्न मना रहे हैं सुनिए .. इन निर्लज्ज लोगों को अभी तक वही झूठ सुना रहे हैं न देश इनका न ही कोई धर्म है ये पत्थर युग में जिए जा रहे हैं दूसरी तरफ़ ये बुद्धिजीवी लोग राम रहीमी का पाठ सुना रहे हैं #shameonhumanity