कुछ दरवाजे खिड़कियां खुली रख दो क्या पता आने का कुछ जरिया बन जाए उम्मीद से कह दो होश ना खोए ना उम्मीदी ना बन जाए वह एक टूटा ही सही दिल दे दो कहीं शायद जुड़ने की आस बन जाए कुछ गलियां छोड़ दो की पगडंडियों पर चला जाए आंखों की नमी खुशी की हो यह सोचकर फिर हाथ थामा जाए #पगडंडी#खिड़कियां#yqbaba#yqdidi