तीन पैसे तीन निशान, नया सवेरा, नयी पहचान, जो लगे पंख फिर उड़ जाऊंगा, चिल्लाते रहना हे! भगवान हे! भगवान। तीन पैसे तीन निशान, नयी उलझन, कौन बेईमान, जो कटे पंख फिर चल जाऊंगा, दूरी मंज़िल की मन में ठान मन में ठान। तीन पैसे तीन निशान, छोटा कद, बड़ा गुमान, जो कटे पैर फिर रेंग जाऊंगा, हो छाती चौड़ी कर अश्रुपान कर अश्रुपान। तीन पैसे तीन निशान, ठण्डी छाछ, बिन फूंक छान, जो रहा ना कुछ फिर बैठ जाऊंगा, मंज़िल निकट ले कर चालान कर चालान। तीन पैसे तीन निशान, नया सवेरा, नई पहचान। "तीन पैसे तीन निशान" #midnightdiaries