कुछ फ़ासले भी जरूरी हैं नजदीकियां बढ़ाने में उम्र बीत जाती हैं अपनों को अपना बनाने में ! इतनी ताल्लुक़ात भी किसी से अच्छी नहीं जिंदगी गुज़र ज़ाती हैं एक घर को घर बनाने में ! दुनिया बड़ी खूबसूरत हैं सुना करते थे बचपन में पर खूबसूरत खूबसूरत रहती है खूबसूरती बनाने से ! रहगुज़र ही बनके रह गये रास्ता दिखाने में सादगी भूल जाओ तो मज़ा नहीं है ज़माने में ! ढिंढोरा पीटने से कहां होता हैं इश्क़-मोहब्बत प्यार-करार दिल ख़ुद ढूंढ लेता हैं अपना ख़ुदा चुपके से आशियाने में ! बेकाबू हो जाते हैं ये बेनक़ाब मोहब्बत वाले कुछ समझते ही नहीं फितूर सिर के चढ़ जाने पे! यूं चुप-चुप न रहा करो खुश हो तो खुश हो लो मिलती हैं खुशियां बेशक दिल से मुस्कुराने पे ! कुछ दूरियां भी जरूरी हैं साफ़-साफ़ नज़र आने में रूहें कंप-कंपा जाती हैं किसी अपनों को भुलाने में ! ©NAND कुछ फ़ासले भी जरूरी हैं नजदीकियां बढ़ाने में उम्र बीत जाती हैं अपनों को अपना बनाने में ! इतनी ताल्लुक़ात भी किसी से अच्छी नहीं जिंदगी गुज़र ज़ाती हैं एक घर को घर बनाने में ! दुनिया बड़ी खूबसूरत हैं सुना करते थे बचपन में पर खूबसूरत खूबसूरत रहती है खूबसूरती बनाने से !