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"मेवाड़ का वीर" ई. 1500 में जन्मा एक वीर बलशाली

"मेवाड़ का वीर" 

ई. 1500 में जन्मा एक वीर 
बलशाली ,स्वाभिमानी 
राजपुुताना शान का प्रतीक 
भाईयों में सबसे अग्रज वो भावी सम्राट था 
झुका नहीं मुग़लों के आगे 
नाम महाराणा प्रताप था 
ना स्वीकारा समझौता कोई 
ना अपनी आन खोई 
आज़ाद सोच और आज़ादी का प्यारा 
मेवाड़ को बचाने जा भिड़ा मुग़लों से
एक चौथाई सेना लेकर ,
डटा रहा वो वीर न्यारा 
घोड़ा भी उसका था स्वामिभक्त डरा नहीं वो ज़रा भी 
असंभव को सम्भव कर जान गंवा दी स्वामी को बचाने 
जाते जाते मिसाल बन गया दोस्ती की वफ़ादारी की 
चेतक था नाम उसका चाल हवा से तेज़ थी 
जंगलों में भी रहना पड़ा फिर भी वो हारा नहीं 
राणा ने पकवानों और ऐशो आराम छोड़ घास की रोटी को ठुकराया नहीं 
लेकिन वो मेवाड़ राणा मुग़ल सम्राट से घबराया नहीं
जीता नहीं बेशक मगर वो हारा भी नहीं
जब तक जिया वो लड़ता रहा...आत्मसमर्पण उसने किया नहीं 
प्रताप जैसा दूजा कोई वीर इस धरा पर हुआ नहीं

©Nikita Sharma (Ni-Chha) #loyal#bharatkeveer

#leaf
"मेवाड़ का वीर" 

ई. 1500 में जन्मा एक वीर 
बलशाली ,स्वाभिमानी 
राजपुुताना शान का प्रतीक 
भाईयों में सबसे अग्रज वो भावी सम्राट था 
झुका नहीं मुग़लों के आगे 
नाम महाराणा प्रताप था 
ना स्वीकारा समझौता कोई 
ना अपनी आन खोई 
आज़ाद सोच और आज़ादी का प्यारा 
मेवाड़ को बचाने जा भिड़ा मुग़लों से
एक चौथाई सेना लेकर ,
डटा रहा वो वीर न्यारा 
घोड़ा भी उसका था स्वामिभक्त डरा नहीं वो ज़रा भी 
असंभव को सम्भव कर जान गंवा दी स्वामी को बचाने 
जाते जाते मिसाल बन गया दोस्ती की वफ़ादारी की 
चेतक था नाम उसका चाल हवा से तेज़ थी 
जंगलों में भी रहना पड़ा फिर भी वो हारा नहीं 
राणा ने पकवानों और ऐशो आराम छोड़ घास की रोटी को ठुकराया नहीं 
लेकिन वो मेवाड़ राणा मुग़ल सम्राट से घबराया नहीं
जीता नहीं बेशक मगर वो हारा भी नहीं
जब तक जिया वो लड़ता रहा...आत्मसमर्पण उसने किया नहीं 
प्रताप जैसा दूजा कोई वीर इस धरा पर हुआ नहीं

©Nikita Sharma (Ni-Chha) #loyal#bharatkeveer

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